Ranchi: माननीय राज्यपाल श्री सी०पी० राधाकृष्णन ने आज सरला बिरला विश्वविद्यालय, रांची के प्रथम दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थियों के जीवन में दीक्षांत समारोह का एक विशेष महत्व है क्योंकि यह न केवल एक शैक्षिक कार्यक्रम का समापन है बल्कि उनके जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत भी है, जो अवसरों और जिम्मेदारियों से भरा है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि जिस प्रकार कठिन परिश्रम कर वे शिक्षा ग्रहण किए हैं, उसी प्रकार भविष्य में भी वे चुनौतियों का कुशलतापूर्वक सामना कर सफलता प्राप्त करें।
राज्यपाल महोदय ने कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती है और सतत कार्य करने से सफलता मिलती है। लक्ष्य निर्धारित करें और विनम्र होकर कार्य को पूर्ण करने हेतु अनुकूल कार्य संस्कृति का वातावरण तैयार करें। माननीय प्रधानमंत्री जी ने विनीत होकर अपने भावी जीवन की यात्रा प्रारंभ की थी। उनके लगातार प्रयास से आज भारत विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का देश बन चुका है और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि माननीय प्रधानमंत्री जी की ‘विकसित भारत@2047’ के दृष्टिकोण में अपना योगदान दें।
राज्यपाल महोदय ने कहा कि सफलता प्राप्त करने का कोई शॉर्ट-कर्ट रास्ता नहीं होता है। विश्व में जीतने भी महान विभूति हुए हैं वे कठिन परिश्रम एवं संघर्ष किए हैं। उत्साह एवं उमंग के साथ अपने कार्यों को संपादित करें, सफलता अवश्य मिलेगी। शिक्षा के पश्चात भावी जीवन में सफलता प्राप्त करना सुगम हो, इसके लिए नई शिक्षा नीति (NEP 2020) लागू की गयी है। इस शिक्षा नीति में न सिर्फ अकादमिक उत्कृष्टता पर बल्कि व्यक्ति के समग्र विकास, सोच, रचनात्मकता एवं नैतिक मूल्यों पर भी बल दिया गया है।
उक्त अवसर पर राज्यपाल महोदय द्वारा सफल विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान किया तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उक्त अवसर पर सरला बिरला विश्वविद्यालय की ओर से राज्यपाल महोदय द्वारा इसरो अध्यक्ष श्री एस. सोमनाथ, विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के निदेशक श्री एस. उन्नीकृष्णन नायर सचिव, विकास भारती बिशुनपुर पद्मश्री श्री अशोक भगत को मानद उपाधि प्रदान किया गया।
विद्यार्थियों के जीवन में दीक्षांत समारोह का एक विशेष महत्व है:राज्यपाल
Leave a comment
Leave a comment