Ranchi: करीब 250 की संख्या में आवश्यकता आधारित सहायक प्राध्यापकों ने रांची विश्वविद्यालय, रांची के कुलपति को एक ज्ञापन सौंपा ।
मर्ज की बात की घोषणा से आवश्यकता आधारित सहायक प्राध्यापकों ने कड़ा विरोध जताते हुए कहा है कि आवश्यकता आधारित सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया अतिथि शिक्षकों से बिलकुल भिन्न है । इसलिए अतिथि शिक्षकों का विलय आवश्यकता आधारित सहायक प्राध्यापकों के साथ न की जाए । माननीय कुलपति महोदय स्पष्ट कहा कि मेरी ऐसी कोई मनसा नहीं है और न ही मीडिया को कोई ब्यान दिया है । अतिथि सहायक अध्यापक खुद ऐसी खबर मीडिया से निकाल रहे हैं । इसे मेरा कोई लेना देना नहीं है ।
उल्लेखनीय है कि अतिथि शिक्षकों की बहाली 2023 तक होती रही है ।इसमे रिटायर्ड शिक्षक भी शामिल हैं ।
दूसरी ओर आवश्यकता आधारित सहायक प्राध्यापक की बहाली यूजीसी मानक के आधार पर पत्रांक 04/v-135/2016 के आधार पर रिक्त पदों के विरुद्ध हुई है । जिसमें बहाली के लिए आवश्यक प्रक्रिया को अपनाया गया है।
मर्ज की बात से रांची विश्वविद्यालय के आवश्यकता आधारित सहायक प्राध्यापक संघ में आक्रोश है । अगर ऐसा किया गया तो आवश्यकता आधारित सहायक प्राध्यापक संघ विश्वविद्यालय में धरना देने को मजबूर होंगे ।
अतिथि शिक्षकों को आवश्यकता आधारित सहायक प्राध्यापकों के साथ मर्ज करने की घोषणा का कड़ा विरोध ।
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