दो दिवस तक डीएवी पब्लिक स्कूल हेहल, राँची के बहुद्देश्यीय सभागार में शिक्षकों के लिए क्षमता संवर्धन कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न विद्यालयों के विभिन्न विषयों के 56 शिक्षक- शिक्षिकाओं ने भाग लिया। इस अवसर पर सी.बी.एस.ई की ओर से रिसोर्स पर्सन के रूप में सुलगना आइच, पीजीटी राजनीतिक विज्ञान, विद्याभारती चिन्मया विद्यालय टेल्को, जमशेदपुर एवं तनुश्री सेन गुप्ता, कांउसलर एवं फेमली थेरेपिस्ट,ट्रेनर इन द लाइफलांग लर्निंग सेक्टर (UK) सह पैरेन्ट चाइल्ड इन्टरेक्शन ट्रेनर (UK) थीं।
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कार्यशाला का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर गायत्री मंत्र के साथ किया गया। इस अवसर पर सबका हार्दिक स्वागत करते हुए वेन्यू निर्देशक विद्यालय के सुपरवाइजरी हेड श्री अरविन्द कुमार अमरेश ने कहा कि बड़े भाग्य की बात होती है जब हम ऐसी महत्ती विभूतियों के द्वारा कुछ ज्ञानार्जन करते हैं। आशा है सभी मनोयोग पूर्वक दोनों आगन्तुकों का ज्ञान लाभ लेंगे और अपनी उपस्थिति को सार्थक करेंगे। तदुपरान्त दोनों विदुषियों ने अपने विशद अनुभव को साझा करते हुए शिक्षकों को बताया कि आज की परिस्थिति में हमारा कक्षा प्रबन्धन कैसे सुव्यवस्थित हो सकता है। आजकल बच्चे अनेक कारणों से अनेक विघटनकारी कार्यों में संलग्न होते हैं। उन्हें हम कैसे ऊर्जस्वित करें, यही कक्षाप्रबंधन का मुख्य उद्देश्य होता है।
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कक्षा प्रबन्धन एक प्रभावी अनुशासन है। यह छात्रों को प्रेरित करता है और उन्हें एक सुरक्षित एवं आरामदायक वातावरण प्रदान करता है जिसमें वे सीखते एवं आत्मसम्मान का निर्माण करते हैं। इसके लिए हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारा कायिक व वाचिक प्रभाव कक्षा के कोने-कोने तक हो। यह इतना आकर्षक हो कि बच्चे आनंद ले सकें। कमरे में लर्निंग बोर्ड, लर्निंग सेंटर एवं बैठने की समुचित व्यवस्था हो। कक्षा प्रबंधन का उद्देश्य छात्रों के लिए एक संरक्षित वातावरण में व्यावहारिक, सामाजिक और शैक्षणिक सफलता प्राप्त करना है जो सहिष्णुता, अनुकरण और सीखने को पूरा करता है।
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इस दो दिवसीय कार्यशाला के समापन पर विद्यालय के प्राचार्य श्री एसके मिश्रा जी ने भी गुजरात के टंकारा से दूरभाष पर अपना संदेश प्रेषित करते हुए कहा कि हमने जो कुछ सीखा है इसे कक्षा तक पहुंचाने का पूर्ण प्रयास भी होना चाहिए तभी कार्यशाला की सार्थकता होगी। सकारात्मक सुदृढ़ीकरण, उच्च उम्मीदों और अनुशासन के माध्यम से कक्षा की प्रक्रियाओं और अपेक्षाओं को समझने के लिए छात्रों को प्रोत्साहित करना उनकी सहायता करना उनके विकास को बढ़ाता है।
अन्त में कार्यशाला की सकुशल सम्पन्नता पर विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक श्री एन.सी.पाडी ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि निश्चित रूप से दोनों आदरणीया मार्गदर्शिकाओं ने हमें बहुत कुछ नई जानकारियाँ, उपयोगी विधियाँ आदि बतलाई हैं जिनके प्रयोग से हमारा कक्षा प्रबंधन और सुदृढ़ होगा। समय-समय पर ऐसी कार्यशाला का आयोजन अपेक्षित है। इसी के साथ उन्होंने सबका हृदय से आभार प्रकट किया।